Kashi: शहर के सबसे बीजी क्षेत्र यानि मैदागिन-काशी विश्वनाथ मंदिर-गोदौलिया का रास्ता, जहां से मणिकर्णिका द्वार होकर शवयात्री शवों को लेकर मणिकर्णिका घाट पर पहुँचते हैं। इन रास्तों से अब उन्हें नहीं जाना होगा क्योंकि शव वाहनों के मार्ग अब से बदल दिए गए हैं। इसके लिए बुधवार को वाराणसी [Kashi] जिलाधिकारी एस. राजलिंगम और एडीशनल सीपी ला एण्ड आर्डर एस. चन्नप्पा ने चौकाघाट, महिषासुर घाट, मैदागिन चौराहा आदि स्थानों का दौरा किया।
शव वाहनों को अब भदऊ चुंगी के रस्ते से होते हुए महिषासुर घाट [Kashi] पर जाना होगा। वहां पर उन्हें लिए तीन एनडीआरएफ की बोट लगाई गयी है। ये बोट पूरी तरह से नि:शुल्क हैं। इन बोटों के द्वारा शव एवं शव यात्रियों को जल मार्ग के रास्ते मणिकर्णिका घाट पर पहुंचाया जायेगा।
इस दौरान एडीशनल सीपी एस. चिनप्पा ने कहा कि पुलिस अधिकारी शव लेकर आने वालों को सहानुभूतिपूर्वक समझा-बुझाकर विभिन्न मार्गों से शव वाहनों [Kashi] को चयनित मार्ग पर डायवर्ट करायेंगे। इसके लिए सम्बन्धित थानों की पुलिस, ट्रैफिक पुलिस सभी सम्भावित स्थानों पर ड्यूटी के दौरान शव वाहनों को डायवर्ट करेंगे। यह क्रम नियमित सुगमतापूर्वक चलाया जायेगा।
घाट [Kashi] पर शेड लगाने के लिए नगर निगम को दिए गए निर्देश
वहीं इसके लिए जल्द ही साइनेज आदि नगर निगम द्वारा लगाये जायेंगे। इसके अलावा शव लेकर आने वालों के विश्राम के लिए जिलाधिकारी द्वारा नगर निगम को महिषासुर घाट [Kashi] पर एक बड़ा शेड लगवाने का निर्देश दिया गया है। साथ ही पेयजल आदि की व्यवस्था भी की जायेगी। बताते चलें कि दोनों अधिकारियों की मौजूदगी में महिषासुर घाट से एनडीआरएफ बोट द्वारा कई शवों को मणिकर्णिका घाट पर पहुंचाया गया।