लखनऊ: सीबीई द्वारा क्रूज शिप पर हुई छापेमारी के बाद महाराष्ट्र सरकार के मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक लगातार अपने बयानों से एनसीबी पर हमला बोल रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि एनसीबी ने क्रूज शिप पर छापेमारी में कुल 11 लोगों को हिरासत में लिया था, तो बाद में फिर तीन लोगों को बिना पूछताछ के क्यों छोड़ दिया गया। उन्होंने आगे कहा कि यह सबकुछ बीजेपी नेता के इशारे पर किया गया।
सार्वजनिक हैं तीन लोगों के नाम
एनसीपी नेता ने कहा कि, ‘एनसीबी अधिकारी समीर वानखेड़े ने छापेमारी के बाद कहा था कि आठ से दस लोगों को हिरासत में लिया गया है, लेकिन उन्होंने 11 लोगों को हिरासत में लिया था। इसके बाद बीजेपी नेता मनीष भानुशाली से सांठ-गांठ के बाद ऋषभ सचदेवा, प्रतीक गाबा और आमिर फर्नीचरवाला को छोड़ दिया गया।’
जांच करे एनसीबी स्वतंत्र तरीके से
मलिक ने कहा कि, ‘एनसीबी इस मामले में ठीक तरह से जांच नहीं कर रही है।’ उन्होंने कहा कि, एनसीबी बिना किसी के इशारों में आए स्वतंत्र तरीके के मामले की जांच करे। उन्होंने मांग की कि एनसीबी की छापेमारी की जांच के लिए अलग से एक जांच आयोग बनाया जाए। इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री को भी पत्र लिखने की बात कही है।
आरोप है वसूली गिरोह चलाने का
बीते समय नवाब मलिक ने क्रूज पर हुई कार्यवाई को फर्जी बताया था। उन्होंने बताया था कि, यह पूरी रेड भाजपा से प्रभावित थी। पार्टी के कार्यकर्ता इसमें शामिल थे। उन्होंने कहा था कि आर्यन खान और दिवंगत नेता सुशांत सिंह राजपूत मामले में रिया चक्रवर्ती की गिरफ्तारी पूरी तरह से पब्लिसिटी स्टंट था। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा नेता मनीष भानुशाली के साथ मिलकर एनसीबी लोगों को परेशान कर रही है और उन्हें अपने जाल में फंसाकर वसूली गिरोह चला रही है।
उठाए सवाल वायरल फोटो पर
नेता नवाब मलिक ने एक वीडियो भी सार्वजनिक किया था। जिसमें रेड के दौरान मनीष भानुशाली और केपी गोसावी एनसीबी टीम के साथ दिखाई दे रहे हैं। आर्यन खान के हिरासत के बाद एक फोटो भी वायरल हुई थी, जिसमें केपी गोवासी दिखाई दे रहे हैं। एनसीबी ने कहा था कि, फोटो वाला व्यक्ति एनसीबी का अधिकारी नहीं है, जिसके बाद नवाब मलिक ने सवाल पूछा कि तो फिर वह वहां क्या कर रहे थे?
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